समुद्रप्त्ंयोजल सन्नीपाते पूतात्मानामत्र किलामिषेकात तत्वाबोधेन विनापि मूयस तनुत्यजा नास्ति शरीरब्न्ध्य का हिंदी मे अर्थ
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