लिंग

प्रश्नकर्ता: Gopi | 06/01/2022 | 10:05 AM

संस्कृत में शब्दों के लिंग आसानी से कैसे पहचाने ?
टिप्पणियाँ
डॉ. विवेकानन्द पाण्डेय16/01/2022 | 10:34 PM
संस्कृत में लिंगों की पहचान आसान नहीं है । इसे केवल शास्त्राभ्यास से ही जाना जा सकता है । हालाँकि प्राथमिक स्तर के लिये कुछ जुगाड़ है । किन्तु यह सदैव काम नहीं करता । <br />
अधिकतर पुंल्लिंग शब्दों के पीछे विसर्ग रहता है यथा &ndash; रामः&sbquo; हरिः&sbquo; गुरुः<br />
अधिकतर स्त्रीलिंग शब्दों के अंतिम स्वर दीर्घ होते हैं यथा &ndash; रमा&sbquo; नदी&sbquo; वधू<br />
अधिकतर नपुंसकलिंग शब्दों के पीछे या तो &amp;quot;म्&amp;quot; होता है या छोटे स्वर होते हैं यथा &ndash; फलम्&sbquo; मधु&sbquo; करि<br />
किन्तु ये जुगाड़ सदैव काम नहीं करते हैं अतः शास्त्राभ्यास ही उपाय है ।